25/09/2021
Photo: Twitter |
जॉन एफ़ कैनेडी का नाम सुना होगा। कल शाम से अजाने ही कैनेडी की याद आ रही थी। बराय मेहरबानी सोशल मीडिया।
साल 1961 में अमेरिका क्यूबा में एक कांड करने गया था। नौजवान फ़िदेल कास्त्रो को हटाने। चौबीस घंटे में टें बोल गए अमेरिका-प्रशिक्षित लड़ाके।
इसे Bay of Pigs कांड कहते हैं। स्पैनिश नाम है जिसका अँग्रेज़ी रूपांतर शूकरों की खाड़ी है। दक्षिण क्यूबा के इसी इलाक़े पर था अमेरिकी हमला।
पूरी ग़लती कैनेडी की नहीं थी। यह उनके पहले वाले आइसेनहावर की लकीर थी। ख़ैर, पत्रकारों को झेलने की ज़िम्मेदारी कैनेडी पर आ गई। क्रेडिट लेने के लिए कुछ था नहीं। अमेरिका की थू-थू हुई थी। वह भी मानचित्र पर एक बिंदू बराबर देश से।
इसी प्रेसवार्ता में एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कैनेडी ने कहा था: “Victory has 100 fathers and defeat is an orphan.”
कल से ऐसा ही कुछ लग रहा था। सोचा सबके साथ शेयर कर लूँ। बिहार से निकला हूँ न। (जहाँ से ये नए आईएएस टॉपर भी निकले हैं।)
वैसे, गूगल कक्का से पता चला कि ये ख़याल पुराना है। कोई इतिहासकार थे टैसीटस। उन्होंने युद्ध विवेचना करते हुए कहा था, “This is an unfair thing about war: victory is claimed by all, failure to one alone.”
लेकिन एरिस्टोटल, हमारे अरस्तू ने भी कहा था: मनुष्य एक सोशल एनिमल है।
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